बंधन
लहर हूँ मैं
तुम किनारा
मेरा आकर तुमसे मिलना
मिलकर फिर बिछड़ जाना
बरसों का यह सिलसिला
हर बार छूट जाता है
कुछ मेरा
और साथ आ जाता है
कुछ तुम्हारा
हर मुलाक़ात पहचान को बना देती है पुराना
यादों का दे जाती है है कारवाँ
तुम किनारा
मेरा आकर तुमसे मिलना
मिलकर फिर बिछड़ जाना
बरसों का यह सिलसिला
हर बार छूट जाता है
कुछ मेरा
और साथ आ जाता है
कुछ तुम्हारा
हर मुलाक़ात पहचान को बना देती है पुराना
यादों का दे जाती है है कारवाँ
यूँ ही बार बार का मिलना
फिर बिछड़ जाना
न होकर भी बना देता है इक अटूट नाता
लहर हूँ मैं तुम किनारा
नाता हैं हमारा सदियों पुराना...
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